मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की 15 को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी, इस दिन अन्न एवं धन की देवी माँ अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर मां अन्नपूर्णा की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से अन्न एवं धन के भंडार भरे रहते हैं। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से मां अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं।
अन्नपूर्णा जयंती पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही अन्न एवं धन में वृद्धि होती है।
अन्नपूर्णा पूजा शुभ मुहूर्त
इस साल अगहन पूर्णिमा की तिथि 14 दिसंबर शाम 4:58 से शुरू होगी, जिसका समापन 15 दिसंबर को दोपहर 2:31 पर होगा. उदयातिथि के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को पड़ रही है। मां अन्नपूर्णा को अन्नदा और शाकुम्भी भी कहते हैं।
मां अन्नपूर्णा को शास्त्रों में संसार के भरण पोषण की देवी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि, एक बार जब काशी में अकाल पड़ा तो लोग भूख से व्याकुल होने लगे।तब शिवजी ने लोगों की सहायता की,अगहन पूर्णिमा के दिन मां पार्वती ने अन्नपूर्णा का रूप धारण किया और शिवजी ने लोगों की भूख मिटाने के लिए मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। इसके बाद मां अन्नपूर्णा ने वचन दिया कि काशी के लोग कभी भूखे नहीं रहेंगे।
