
सूर्य देव मकर संक्रांति पर बाघ पर सवार होकर आयेंगे जो वाहन ख़रीदने लिए शुभ होगा
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा, सूर्य प्रातः 8:41 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। शनिदेव मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। शनिदेव के पिता सूर्यदेव है। सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। हर साल सूर्य देव अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर संक्रांति का योग लेकर आते हैं। हर वाहन शुभ और अशुभ संकेत देता है।माना जाता है कि जिस सवारी से मकर संक्रांति आती है, उसी अनुरूप फल मिलते हैं। इस साल बालव करण संक्रांति के साथ मकर संक्रांति का वाहन बाघ है,और उपवाहन अश्व (घोड़ा) होगा।
सूर्य देव बाघ पर सवार होकर मकर संक्रांति पर आयेंगे।जो की वाहन खरीदने के लिए शुभ रहेगा। इस दिन सबसे अधिक वाहनो की बिक्री होगी।बाघ वाहन होने से इस वर्ष सोना-चांदी, चावल, दूध और दलहन आदि के दाम बढ़ सकते हैं।
वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति पर दिन की चौघड़िया सुबह
चर 09:55 से 11:15 तक रहेगी जो वहाँ ख़रीदने के लिए अति उत्तम है, उसके पश्चात
लाभ चौघड़िया 11 :15 से 12:35 तक और
अमृत चौघड़िया 12:35 से 13:56 तक रहेगी इस समय भी वहाँ ख़रीदा जा सकता है।
14 जनवरी को सुबह 09 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 46 मिनट तक पुण्यकाल रहेगा
मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने व दान करने से ग्रह होते है मजबूत
मकर संक्रांति पर उड़द की दाल की खिचड़ी बनाना ज्यादा शुभ माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाना वि दान करने से सभी ग्रह प्रसन्न होते है है।
खिचड़ी में चावल, उड़द दाल, घी, हल्दी, मसाले और हरी सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। ज्योतिष अनुसार खिचड़ी में डलने वाली हर एक सामग्री का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है।
मकर संक्रांति में काली उड़द की दाल से बनाई गई खिचड़ी खाने की परंपरा है।काली उड़द का संबंध शनि ग्रह से होता है।ऐसे में मकर संक्रांति पर काली उड़द की दाल से बनी खिचड़ी खाने और दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
खिचड़ी में घी डाली जाती है और घी का संबंध सूर्य देव से हैं. ऐसे में घी से बनी खिचड़ी मकर संक्रांति पर खाने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
खिचड़ी हल्दी डालकर तैयार की जाती है और हल्दी का संबंध गुरु ग्रह से होता है।साथ ही स्वास्थ के लिए भी हल्दी को बहुत गुणकारी माना गया है।
खिचड़ी चावल से बनाई जाती है और चावल का संबंध चंद्र ग्रह से होता है. क्योंकि चावल को चंद्रमा का कारक कहा गया है।
हरी सब्जियों को बुध का कारक माना गया है. खिचड़ी में हरी सब्जियों को डालकर पकाने, खाने और दान करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
खिचड़ी के ताप का संबंध मंगल ग्रह से होता है। ऐसे में खिचड़ी खाने से कुंडली में मंगल ग्रह समेत सभी ग्रहों से अच्छे फल मिलते हैं।
माघ मास में स्नान और दान का तो इस दिन काफी महत्व होता ही है लेकिन इस दिन सुहागन महिलाएं सुहाग की पूजा भी करती है जिसका इस दिन काफी महत्व होता है। संक्रांति के दिन हर घर में तिल्ली के लड्डू बनाए जाते हैं। उनका दान भी किया जाता है। जिससे राहु- केतु एवम शुक्र ग्रह प्रसन्न होते है ।
By AStro Sunil Chopra